Tuesday, 19 March 2019

सफर


मुकाम तो ज़िन्दगी भर का मसला है..
मगर सुकून तो पल भर का मेहमान है...

कल संवारते संवारते आज निकल गया..
मगर आज को बटोरते बटोरते ज़िन्दगी भी कम पड़ जाएगी..

जो चल रहे है, और जो जल रहे हैं
दोनों ही मंज़िल पाएंगे...

जो देर से आ रहे है, वो निश्चय ही दुरुस्त आएंगे...

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